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Abhyanga Massage in Hindi: अभ्यंग एक प्रकार की मसाज है, जिसके लिए गर्म तेल का उपयोग किया जाता है। इसमें सिर से लेकर पैरों तक मालिश की जाती है।
- Written by: Anju Rawat
- Updated at: May 19, 2023 16:55 IST
Abhyanga Massage in Hindi: मालिश, आयुर्वेदिक चिकित्सा के प्रमुख भागों में से एक है। आयुर्वेद के अनुसार शरीर के अंगों को स्वस्थ रखने के लिए मसाज चिकित्सा की जरूरत होती है। इसके लिए कई तरह के तेलों और जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जाता है। आयुर्वेद में कई तरह की मसाज थेरेपी है। इसमें अभ्यंग भी शामिल है, जिसमें गर्म तेल से पूरे शरीर की मालिश की जाती है। यह आयुर्वेद की एक पुरानी तकनीक है। इस थेरेपी को लेने से शरीर और मन रिलैक्स होता है। इससे शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है। साथ ही, शरीर में रक्त का प्रवाह भी सही बना रहता है।
आयुर्वेद को रोगों के उपचार और स्वस्थ जीवन जीने का एक सर्वोत्तम तरीका माना गया है। इसके महत्व को बढ़ाने और आयुर्वेदिक चिकित्सा के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से ओनलीमायहेल्थ मई 2023 से 'आरोग्य विद आयुर्वेद' सीरीज की शुरुआत कर रहा है। इसमें हम आपको आयुर्वेद की जड़ी-बूटियों और थेरेपी के बारे में जानकारी देते रहेंगे। सीरीज के इस आर्टिकल में हम आपको 'अभ्यंग' के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। शिरोधारा थेरेपी के बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए हमने चरक पालिका हॉस्पिटल एनडीएनसी नई दिल्ली के आयुष डिस्पेंसरी की इंचार्ज और सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर सुष्मिता शर्मा से बातचीत की-
अभ्यंग मसाज क्या है?- What is Abhyanga Massage in Hindi
अभ्यंग आयुर्वेद में एक सबसे लोकप्रिय मालिश है। इसके लिए गर्म तेल का उपयोग किया जाता है। इसमें सिर की त्वचा से लेकर पैरों के तलवों तक तेल लगाकर मालिश की जाती है। इस मसाज को करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। आप इस थेरेपी को थेरेपिस्ट से करवा सकते हैं या फिर घर पर खुद भी कर सकते हैं। इससे आपको काफी रिलैक्स महसूस होगा।
अभ्यंग मसाज कैसे की जाती है?-Abhyanga Massage Steps in Hindi
- अभ्यंग के दौरान शरीर के चारों तरफ एक तौलिया लपेटना होता है।
- एक खाली बोतल लें। इसमें आधा कप तेल डालें।
- इस बोतल को गर्म पानी के बर्तन में तब तक रखें, जब तक तेल गर्म न हो जाए।
- अब सिर समेत अपने पूरे शरीर पर तेल लगाएं।
- सर्कुलर मोशन में स्कैल्प की मालिश करें।
- अब मसाज करते हुए माथे, कान, गाल और जबड़े तक आएं।
- इसके बाद, छाती और पेट की मालिश करें।
- अब धीरे-धीरे पीठ और जांघों तक आएं। अब पैरों और जोड़ों की सर्कुलर मोशन में मसाज करें।
- इसमें आपको सिर से लेकर पैरों तक, पूरे शरीर की मालिश करनी होती है।
- जब मालिश हो जाए, तो 10-15 मिनट तक आराम करें।
- फिर गुनगुने पानी से स्नान करें।
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अभ्यंग मसाज के फायदे क्या है?- Abhyanga Massage Benefits in Hindi
- अभ्यंग मसाज करने से तनाव का स्तर कम होता है। इससे तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) शांत होता है, जिससे तनाव और चिंता से राहत मिलती है।
- हाइपरटेंशन रोगियों के लिए अभ्यंग मसाज करना फायदेमंद होता है। इस मसाज को करने से ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद मिलती है।
- चेहरे की झुर्रियों और हाइपरपिग्मेंटेशन को कम करने के लिए भी आप अभ्यंग मसाज कर सकते हैं। इससे चेहरे की चमक बढ़ती है।
- अभ्यंग मसाज थेरेपी लेने से मांसपेशियां भी मजबूत बनती हैं। इससे मांसपेशियों में लचीलापन आता है।
- इस मसाज को करने से आंखों के हेल्थ में सुधार हो सकता है। यह दृष्टि में सुधार करता है।
- अभ्यंग मसाज से शरीर की ऊर्जा और शक्ति बढ़ती है।
- अगर अभ्यंग मसाज करेंगे, तो इससे उम्र बढ़ने के लक्षणों में कमी आएगी।
अभ्यंग मसाज करते हुए बरतें ये सावधानियां- Abhyanga Massage Precautions in Hindi
- शरीर को स्वस्थ रखने के लिए नियमित रूप से अभ्यंग मसाज करें।
- खाने के तुरंत बाद अभ्यंग न करें। खाने के 1-2 घंटे बाद अभ्यंग मसाज करना चाहिए।
- अभ्यंग करते समय हमेशा सिर से तेल लगाना शुरू करना चाहिए। फिर पूरे शरीर में तेल लगाना चाहिए।
- तेल लगाने के बाद 10-15 मिनट तक छोड़ दें, फिर गर्म पानी से स्नान करें।
- अगर खांसी, बुखार, अपच या कोई संक्रमण है, तो अभ्यंग करने से बचें।
- अगर त्वचा पर दाने या फोड़े-फुंसियां हुई हैं, तब भी अभ्यंग से बचना चाहिए।
अभ्यंग मसाज के लिए तेल- Oil for Abhyanga Massage in Hindi
- वात प्रकृति वाले लोग धन्वन्तरम तेल, महानारायण तेल और दशमूल तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- पित्त प्रकृति वाले लोगों के लिए नारियल तेल, सूरजमुखी का तेल और चंदन का तेल फायदेमंद होता है।
- कफ प्रकृति वालों के लिए बिल्व तेल और दशमूल का तेल से मसाज करना लाभकारी होता है।
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अभ्यंग मसाज के नुकसान क्या है?- Abhyanga Massage Side Effects in Hindi
अभ्यंग मसाज का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। अगर आप पूरी सावधानी के साथ इस मसाज को करेंगे, तो इससे आपको फायदा मिलेगा। यह आयुर्वेदिक मसाज बेहद सुरक्षित है। वात, पित्त और कफ, सभी प्रकृति के लोग अभ्यंग कर सकते हैं। आपको मसाज के बाद हल्की ठंड लग सकती है, लेकिन कुछ समय बाद शरीर का तापमान सामान्य होने लगता है।
इस लेख में आपने अभ्यंग मसाज थेरेपी के बारे में विस्तार से पढ़ा। तो अगर आप भी अभ्यंग थेरेपी लेने का विचार कर रहे हैं, तो पहले आयुर्वेदाचार्य से जरूर परामर्श लें। आयुर्वेद के महत्व को जानने के लिए हमारे 'आरोग्य विद आयुर्वेद' सीरीज के साथ जुड़े रहें। साथ ही, आरोग्य विद आयुर्वेद सीरीज के आर्टिकल्स पढ़ने के लिए जुड़े रहें हमारी वेबसाइट www.onlymyhealth.com के साथ। अगर आपको ये आर्टिकल पसंद आया, तो इसे अपने दोस्तों और परिचितों के साथ जरूर शेयर करें।
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